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Punjab news: चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर कौमी इंसाफ मोर्चा और पुलिस के बीच हिंसक झड़प

Punjab news: चंडीगढ़ और मोहाली सीमा पर पिछले कई महीनों से स्थायी धरने पर बैठे कौमी इंसाफ मोर्चा के प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच मंगलवार को झड़प हो गई। सिख बंदियों की रिहाई की मांग को लेकर सैकड़ों प्रदर्शनकारी एक मार्च निकाल रहे थे। लेकिन इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने चंडीगढ़-मोहाली हाईवे पर आईएसबीटी-43 बस स्टैंड के सामने बीच सड़क पर बैठकर नारेबाजी शुरू कर दी, जिससे वहां यातायात ठप हो गया।

घटना का क्रम और पुलिस-प्रदर्शनकारी झड़प

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन मोर्चा के सदस्य अपनी मांगों पर अड़े रहे। बातचीत विफल होने पर पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने पत्थर उठाए और पुलिस पर हमला कर दिया। स्थिति बेकाबू हो गई और अफरा-तफरी मच गई।

इस झड़प में सेक्टर-11 पुलिस थाने के प्रभारी जयवीर राणा और एएसआई रमेश कुमार घायल हो गए। दोनों को सेक्टर-16 अस्पताल में भर्ती कराया गया। एक महिला पुलिसकर्मी भी घायल हुईं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।

Punjab news: चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर कौमी इंसाफ मोर्चा और पुलिस के बीच हिंसक झड़प

पुलिसकर्मी घायल, माहौल तनावपूर्ण

झड़प के दौरान एक पुलिस इंस्पेक्टर का सिर फट गया, जिसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया। वर्तमान में इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। चंडीगढ़ पुलिस के आईजी आरके सिंह, एसएसपी कंवरदीप कौर और सभी डीएसपी मौके पर मौजूद हैं।

प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी और हाईवे पर यातायात बाधित

पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। वहीं, एक समूह में पहुंचे निहंग प्रदर्शनकारियों ने पुलिस लाठीचार्ज का विरोध करते हुए तलवारें लहरानी शुरू कर दीं। किसी तरह पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर हाईवे से हटाया।

इस समय सेक्टर-43 बस स्टैंड के सामने दोनों तरफ की सड़कें यातायात के लिए बंद कर दी गई हैं। यात्रियों और स्थानीय लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चंडीगढ़ पुलिस के अलावा पंजाब पुलिस, रिजर्व बटालियन, रैपिड फोर्स और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को तैनात किया गया है।

झड़प के पीछे का कारण

इस प्रदर्शन की अगुवाई आतंकवादी जगरूप सिंह हावरा के पिता कर रहे थे। कौमी इंसाफ मोर्चा के सदस्य सिख बंदियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने सरकार और प्रशासन पर अपनी मांगों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।

पुलिस का सुरक्षा प्रबंधन

मौके पर करीब 3,000 पुलिस और अन्य बलों के जवान तैनात किए गए हैं। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए वाईपीएस चौक पर बैरिकेडिंग की गई है। रैपिड फोर्स को लाठीचार्ज के लिए आगे तैनात किया गया है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए और पानी की बौछार करने वाले वाहनों का उपयोग किया गया।

यातायात और जनजीवन प्रभावित

आईएसबीटी-43 बस स्टैंड के सामने हाईवे पर दोनों ओर यातायात पूरी तरह बाधित है। यात्रियों को वैकल्पिक रास्तों का सहारा लेना पड़ रहा है। लोग बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पहुंचने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं।

स्थिति का मौजूदा हाल

हालांकि, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हाईवे से हटाने और हिरासत में लेने के बाद स्थिति पर आंशिक रूप से नियंत्रण कर लिया है, लेकिन माहौल अभी भी तनावपूर्ण है। घटनास्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस बल और सुरक्षा एजेंसियां मौजूद हैं।

प्रशासन और प्रदर्शनकारियों की प्रतिक्रिया

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनकी मांगें जायज हैं और वे अपने मुद्दों को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। उनका आरोप है कि पुलिस ने बेमतलब लाठीचार्ज किया। वहीं, पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित किया, जिसके कारण कार्रवाई करना आवश्यक हो गया।

आगे का रास्ता

प्रशासन प्रदर्शनकारियों से बातचीत के प्रयास कर रहा है। वहीं, स्थानीय लोग चाहते हैं कि जल्द से जल्द यातायात व्यवस्था बहाल हो। आने वाले दिनों में स्थिति को पूरी तरह नियंत्रित करने के लिए और सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।

चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर हुई इस घटना ने एक बार फिर प्रदर्शन और कानून व्यवस्था के बीच संतुलन बनाने की चुनौती को उजागर किया है। प्रशासन को चाहिए कि वह प्रदर्शनकारियों की मांगों को गंभीरता से लेकर जल्द समाधान निकाले, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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